September 17, 2018

पति की मौत बाद बेटे के परवरिश की चिंता, ई-रिक्शा से बढ़ी आत्मनिर्भरता

उतार-चढ़ाव के बीच जीने के तरीके तलाशना ही तो जीवन है। बिलासपुर की पायल रामटेके की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पति को ब्रेन हेमरेज हुआ। मौत हो गई। जिंदगी कठिन लगने लगी। एक-एक दिन भारी पड़ने लगे। कपड़े के दुकान की नौकरी रास नहीं आई। तभी ई-रिक्शा के बारे में पता चला। आवेदन किया तो मंजूरी मिल गई। बस फिर क्या था, जिंदगी की गाड़ी ई-रिक्शे पर चलने लगी।

पायल ने बताया कि तकरीबन सालभर पहले ब्रेन हेमरेज से पति की मौत हो गई। व्यवसाय ठप हुआ। घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ी। दिनचर्या बिगड़ने लगी। तकलीफें शुरू हो गई। बेटे का चेहरा देखकर उसके भविष्य की चिंता होती थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्या करूं कि सारी तकलीफों से बाहर आ सकूं। किसी ने कपड़ा दुकान में जगह खाली होने की बात कही तो वहां नौकरी करने लगी। देर रात तक काम करने के बाद हर माह साढ़े तीन हजार मिलते थे, लेकिन इतने से दाल-रोटी ही चल सकती थी। बच्चे की परवरिश के लिए जो इससे ज्यादा रकम चाहिए। इसलिए अपना व्यवसाय शुरू करने का सोचा।

दिमाग में कई तरह के ख्याल आते, लेकिन पैसे की व्यवस्था नहीं होने से व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रही थी। इस बीच किसी ने ई-रिक्शा योजना के बारे में बताया। घर में मां और भाई से बात की। चर्चा के बाद वे लोग भी मान गए। श्रम विभाग में आवेदन दिया। मंजूरी मिल गई। अब ई-रिक्शा चलाकर औसतन चार सौ रुपए रोज घर ले जाती हूं। बेटे के बेहतर भविष्य के लिए उसे अच्छी शिक्षा देने की सोच रही हूं। ई-रिक्शा के जरिए हो रही कमाई से जीवन स्तर भी सुधरा है।

बिलासपुर में ऐसी कोई जगह नहीं जहां तक ई-रिक्शा नहीं पहुंची हो। बिलासा ताल, विवेकानंद पार्क, यातायात पार्क, रामकृष्ण आश्रम, स्मृति वाटिका,काली माई मंदिर तिफरा आदि विभिन्न स्थानों पर ई-रिक्शा चालक मिलेंगे ही। यहां आने वाले सैलानियों की भी यह पहली पसंद है। पायल जैसी कई महिलाएं सरकार की इस योजना का फायदा उठाकर आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं के आत्मनिर्भर होने से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। उन्हें देखकर पुरुष भी ई-रिक्शा चलाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

रमन के गोठ में खुद मुख्यमंत्री ने ई-रिक्शा सब्सिडी योजना के बारे में बताया है। इसके तहत डेढ़ लाख का ई-रिक्शा खरीदने पर एक तिहाई हिस्सा यानी 50,000 रुपए सरकार वहन करेगी। पहले ये कुछ जिलों में शुरू की गई थी, लेकिन अब यह सुविधा पूरे राज्य में डीएमएफ के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इसलिए बिलासपुर के पर्यटन स्थलों के आसपास सवारी के लिए ई-रिक्शा का प्रयोग बढ़ गया है। इसका सीधा फायदा रिक्शा खींचने वाले गरीबों को मिल रहा है। ई-रिक्शा खरीदने के इच्छुक श्रम विभाग में आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।


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