बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार जैसी कई आदिवासी जातियों का विकास से दूर-दूर तक नाता नहीं था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इनके विकास के लिए 11 सूत्र बताए और उसी सूत्र के आधार पर हर सरकारी योजना का लाभ उन्हें मिला। आज इन जनजातियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। रोजगार मिल रहा है और वे अपने भविष्य के सपने देख रहे हैं।
इस 11 सूत्रीय कार्यक्रम में आवासहीन परिवारों के लिए मकान, पेयजल विहीन गांवों के लिए पानी की उपलब्धता, विद्युत विहीन गांवों में बिजली, स्वास्थ्य परीक्षण और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा गया। इसी योजना के अंतर्गत शून्य से 6 वर्ष के बच्चों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को कुपोषण से बचाने के लिए पोषण आहार देना सुनिश्चित किया गया। कौशल उन्नयन, सामाजिक सुरक्षा, वन अधिकार पत्र का वितरण, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र, सूचना जागरूकता के लिए रेडिया तथा जरूरत की चीजें जैसे छाता और कंबल का भी वितरण किया गया।
चूंकि इन सभी जनजातियां जिन इलाकों में रहती हैं उनमें से ज्यादातर नक्सल प्रभावित हैं। इसलिए उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां के विद्यार्थियों के लिए बाल भविष्य सुरक्षा योजना2010 से क्रियान्वित की जा रही है। दसवीं उत्तीण मेघावी छात्र-छात्राओं को 11वीं-12वीं अध्यापन के साथ-साथ आईआईटी, पीएमटी, पीईटी की कोचिंग देने के लिए रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर,अंबिकापुर, जगदलपुर एवं प्रयास के आवासीय विद्यालय संचालित हैं।
प्रयास आवासीय विद्यालय रायपुर 300 सीटर से शुरू किया गया था। आज वहां 1700 विद्यार्थी भर्ती हैं। इस वर्ष इंजीनियरिंग की प्रारंभिक परीक्षा में सफल होकर यहां के आठ विद्यार्थी आईआईटी,आठ एमबीबीएस और 40 विद्यार्थी एनआईटी में अध्ययनरत हैं। इसी तरह कांकेर में कक्षा 9वीं-10वीं के लिए फाउंडेशन प्रयास संचालित है, जहां इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए बेसिक तैयार की जाती है। सत्र 2017-18 से बालक प्रयास सड्डू रायपुर एवं बालिका प्रयास गुढ़ियारी में भी फाउंडेशन प्रयास की शुरुआत की गई है।
ऐसे ही संघ लोक सेवा अायोग की सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए द्वारिका नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग ट्राइबल यूथ हॉस्टल संचालित कर रहा है। इस संस्था का एकमात्र उद्देश्य है कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करना एवं उनका मागदर्शन करना। यह संस्था पूर्णत: आवासीय है। यहां बच्चों को निशुल्क कोचिंग, भोजन, आवागमन एवं अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। वर्ष 2017 में तीन विद्यार्थियों डॉ. गगन गिरी गोस्वामी, लाल दास और पीयूष कुमार लहरे का चयन अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में हुआ है।
केवल यही नहीं प्रतिभावान निर्धन छात्र-छात्राओं के लिए युवा कॅरियर निर्माण योजना भी चल रही है। रायपुर, बिलासपुर तथा जगदलपुर में संचालित इस योजना के तहत अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन छात्र-छात्राओं को लाभ दिया जा रहा है। उन्हें प्रशासनिक पदों में जाने के अवसर दिए जा रहे हैं। वर्ष 2017-18 में 100 छात्रों को यूपीएससी कोचिंग दी जा रही है। इसी तरह रेलवे, बैंकिंग सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी छात्रों को तैयार किया जा रहा है।