कहते हैं जहां चाह है वहां राह है। परंपरागत खेती छोड़कर केले की खेती अपनाने के बाद छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के किसानों ने इसी रास्ते पर चलतर अपने सपनों को साकार करना शुरू कर दिया है। ये किसान केले की खेती के जरिए अपनी तकदीर संवार रहे हैं। जिले के एक ऐसे ही किसान हैं गनपत राठिया, जो केले की उन्नत खेती कर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। गनपत उद्यान अधिकारियों के मार्गदर्शन और शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर अपनी जीतोड़ मेहनत और लगन से वैज्ञानिक पद्धति से केले की उन्नत खेती कर अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं।
इंसान में अगर कुछ करने की तमन्ना हो तो रास्ते खुद ब खुद निकल कर आते हैं और जिंदगी को नई राह मिल जाती है। इसी का साक्षात उदाहरण पेश किया है गनपत राठिया ने। गनपत मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के विकास खंड तमनार में रहते हैं। गनपत ने बताया कि उन्हें उद्यान अधिकारियों से मार्गदर्शन मिला, केले की खेती की वैज्ञानिक पद्धति के बारे में जानकारी मिली। नई पद्धति अपनाने से केले की पैदावार अच्छी होने लगी और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह गनपत के लिए कारगर साबित हुई।
गनपत ने बताया कि पारंपरिक खेती छोड़कर केले की खेती करना उनके लिए नया रोजगार शुरू करने जैसा था। इससे पहले उन्होंने कभी केले की खेती नहीं की थी और न ही इस खेती की बारीकियों के बारे में उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी थी। यह बिल्कुल नया फैसला था, इसलिए नई खेती में घाटे का भी डर था। लेकिन वर्ष 2011-12 में उद्यान विभाग के राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत टिशू कल्चर केला पौधरोपण की योजना के प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों ने उन्हें इस खेती की विस्तार से न केवल जानकारी दी बल्कि खेती के दौरान विशेषज्ञ सलाह भी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
गणपत बताते हैं कि इसके बाद वे रिस्क उठाने को तैयार हो गए। उन्होंने 500 हेक्टेयर जमीन पर केले की उन्नत तरीके से फसल लगा दी। वे बताते हैं कि सबकुछ सही रहा और पहले साल ही पैदावार अच्छी हुई। आसपास के शहरों में केले की मांग अधिक होने के कारण उन्हें आमदनी पहले की तुलना में काफी बेहतर फायदा मिलने लगा।
गणपत ने बताया कि अब उन्हें केले की खेती से 90 हजार रुपये प्रतिमाह आमदनी प्राप्त होती है। इस तरह देखा जाए तो साल में 11 लाख से अधिक की आमदनी हो जाती है। अच्छी आमदनी होने से वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
गनपत राठिया की केले की उन्नत खेती से प्रभावित होकर आसपास के किसान समय-समय पर उनसे मार्गदर्शन लेते रहते हैं। गणपत ना केवल उन्हें मार्गदर्शन देते हैं बल्कि उनके खेतों में जाकर इस दौरान अच्छी फसल उगाने के तौर-तरीके भी सीखाते बताते हैं और साथ ही उनका पूरा सहयोग भी करते हैं। यही वजह है कि गणपत आस-पास के किसानों में काफी लोकप्रिय हो गए हैं। लोग उन्हें सम्मान काफी नजर से देखते हैं और साथ ही उन्हें अपना आदर्श भी मानते हैं।