गांव के बच्चे भी अब अंग्रेजी में बात करेंगे, पढ़ेंगे और नाम रोशन करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अच्छी पहल की है जिसके तहत ग्रामीण अंचल के बच्चों को अ, ब, स के साथ ही ए, बी, सी, डी भी सिखाई जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा गांव की गीता बहुत खुश है, उससे जब खुशी की वजह पूछी गई तो उसका एक ही जवाब था कि अब हम लोग अंग्रेजी में पढ़ाई करेंगे। वहीं जब रहीम से पूछा गया कि क्या वह स्कूल जाएगा तो उसने कहा कि हां अब हम भी अंग्रेजी में पढ़ाई करेंगे। इन बच्चों को नहीं पता कि उन्हें अंग्रेजी कौन पढ़ाएगा, लेकिन उन सबकी आंखों में एक नई उमंग नजर आ रही है।
इन बच्चों ने कभी शहर के स्कूल का मुंह नहीं देखा। ये बस इतना जानते है कि वहां अंग्रेजी में पढ़ाई कराई जाती है। घरघोड़ा में बीते 5 सालों से कार्य कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता कविता भी बहुत खुश हैं। कविता कहती हैं कि हम तो अपने स्तर पर प्रयास कर ही रहे हैं लेकिन सरकार के सहयोग से हमारी राह आसान हुई है। अंग्रेजी स्कूल खोलने के साथ ही अभी उन्हीं शिक्षकों के जरिए पढ़ाई शुरू होगी। उन्हीं के जरिए बच्चों को अंग्रेजी की शिक्षा दी जाएगी।
घरघोड़ा नगर पंचायत उपाध्यक्ष एवं सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के लिये लंबे समय से कार्य कर रही कविता शर्मा ने सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाओं के शुरू होने को क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरूआत बताते हुए कहा कि अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा जो अब तक धनाढ्य वर्ग की पहुंच तक ही सीमित रही उसे कमजोर आर्थिक स्तर वाले परिवार के बच्चों तक सहज सुलभ कराने की यह कोशिश शासकीय स्कूलों के नए बदलाव का गवाह बनेगी। उन्होंने कहा, 'हम आशा करते हैं कि विभाग की ओर से शुरू किये जा रहे, अंग्रेजी माध्यम शासकीय शालाओं में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी एवं सुचारू रूप से संचालन हेतु संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन होगा।'
लोगों की सोच बदलने के लिए सरकारी स्तर पर तो प्रयास हो ही रहे है साथ ही गांव में भी लोगों की सोच बदल रही है। लोगों को समझना होगा कि शिक्षा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन किए जा सकते है और शिक्षा के जरिए ही हम विकास के पग पर आगे बढ़ सकते है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के लिए लगातार प्रयाास किए जा रहे है लेकिन सरकारी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने के लिए सरकार की ये पहल प्रशंसनीय है।
अंग्रेजी शिक्षा पर निजी स्कूलों का एकाधिकार व अब तक महंगी फीस के साथ उपलब्ध अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के विकल्प के रूप में अब शासकीय स्कूलों में नि:शुल्क अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई नवीन सत्र 2018 से शुरू की जाएगी। घरघोड़ा गांव इसका जीता जागता उदाहरण है जहां प्रत्येक ब्लॉक में 1 प्राथमिक एवं 1 माध्यमिक शाला का चयन किया गया है जहां नवीन सत्र में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू की जा रही हैं।
इसी तारतम्य में घरघोड़ा ब्लॉक में शासकीय प्राथमिक शाला नवापारा एवं माध्यमिक शाला हरिजन मोहल्ला का चयन अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा हेतु किया गया है। फिलहाल दोनों शालाओ में कक्षा एक और 6वीं कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जायेगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा ही वहां अंग्रेजी माध्यम में प्रवेश पाने वाले छात्र छात्राओं को नि:शुल्क गणवेश एवं पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएगी।
गांव के लोग जहां सरकार की इस पहल से खुश है वहीं उन लोगों के सामने ये भी समस्या है कि हमारे बच्चे कैसे अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा ले पाएंगे, क्योंकि अब तक तो उन बच्चों ने हिंदी माध्यम से ही पढ़ाई की है। गांव के ही सूरज जंघेल कहते है कि इसके लिए डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे बच्चों को अंग्रेजी भाषा को पढ़ाने के लिए कुछ नए शिक्षक भी आएंगे, जो पढ़ने में मदद करेंगे। पूरे गांव में खुशी का माहौल है क्योंकि अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा लेने के लिए अब गांव के ये बच्चे शहरों की ओर नहीं भागेंगे।