संचार क्रांति को महसूस करना है तो आइए बलौदा बाजार के भड्सेली गांव की रहने वाली ऋतु मांडले बीए सेकंड ईयर की पढ़ाई के साथ-साथ अंग्रेजी भी सीख रही है। ख्वाहिश है आर्मी में जाने की। देश की सेवा करने की। इसलिए जब स्काई योजना के तहत मोबाइल मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। अब वे पढ़ाई के लिए बेहतर तरीके से इसका इस्तेमाल कर पा रही हैं।
आगे बढ़ने के लिए आज इंटरनेट सबसे जरूरी संसाधनों में से एक है। स्टूडेंट इससे स्टडी मटेरियल डाउनलोड कर सकते हैं। अपने कॅरियर के लिए कई विकल्प तलाश सकते हैं। माइड फ्रेश करने के लिए गानें सुन सकते हैं। गेम्स खेल सकते हैं। स्काई योजना के तहत मोबाइल मिलने के बाद ऐसा ही हो रहा है। ऋतु के पिता रामदास मांडले और मां अमरीका बाई मजदूरी करते हैं। रोज जो मिलता है उसी से गुजारा चलता है। उसी एकमात्र आवक से शौक और सपने दोनों पूरे करने हैं। अब आप ही बताइए क्या ये दोनों चीजें संभव है।
बस, सरकार ने भी यही सोचा और स्काई योजना के तहत लोगों को मोबाइल की सुविधा देने के लिए सबसे पहले ऐसे परिवारों की सूची तैयार की गई। फिर उनके लिए स्मार्टफोन भेजे गए। शहरों में वितरण के बाद गांवों में भी मोबाइल बांटे गए। आपको बता दें कि संचार क्रांति योजना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैशलेस ट्रांजेक्शन को भी बल मिल रहा है। लोग भीम एप, पेटीएम आदि की जानकारी तलाश रहे हैं और कुछ लोगों ने तो ई-पेमेंट करना शुरू भी कर दिया है। फिल्म, फोटो आदि डाउनलोड करना और उसे शेयर करने में भी लोग रुचि दिखा रहे हैं।
इस एक योजना के जरिए गरीब परिवार का व्यक्ति भी अपनी अभिव्यक्ति से लोगों को अवगत करा पा रहा है। सबसे बड़ा फायदा हुआ है कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को। ऋतु को ही ले लीजिए। अंग्रेजी सीखनी थी, लेकिन फीस के लिए पैसे नहीं थे। स्मार्टफोन आने के बाद यू-ट्यूब पर फ्री का टीचर मिल गया। डाउनलोड किया। अब अासानी से अंग्रेजी सीख पा रही है। कुछ डाउट हो तो टीचर से पूछ लेती है। पढ़ाई के मटेरियल गूगल पर सर्च करती है और उसे डाउनलोड कर सुरक्षित रख लेती है। रितु का कहना है कि जिंदगी सचमुच बेहद आसान लगने लगी है।
ऋतु की बड़ी बहन ममता की शादी हो चुकी है। वह परिवार से दूर रहती है। पहले हफ्ते-पंद्रह दिन में एक बार बात हो पाती थी। अब तो तकरीबन रोज की गपशप होती है। हालचाल तो पूछ ही लेते हैं। एक बहन सरिता बीए फाइनल ईयर में है। बाई अतुल 11वीं की पढ़ाई कर रहा और अखिल 8वीं की। भाईयों को भी मौका मिलता है स्मार्टफोन से मनोरंजन का। दोनों गेम खेलने में जुट जाते हैं। तब रितु उन्हें समझाती भी है। कुछ देर ही खेलना। डाटा खत्म हो गया तो फिर से पैसे लगेंगे।
सरकार ने एक अच्छा काम किया जो सबके हाथ में मोबाइल दे दिया। अब सारे काम आसान हो गए। सोशल मीडिया के जरिए परिवार से जुड़े रहना आसान हो गया। मिनी माता कन्या कॉलेज की छात्राओं का कहना है कि स्मार्ट फोन मिलने के बाद वे स्टडी मटेरियल डाउनलोड कर अच्छे से पढ़ाई कर पा रही हैं। इसके अलावा अपने दोस्तों का वाट्सएफ ग्रुप बनाकर डिस्कशन करते हैं,गपशप भी हो जाती है।