आम जनता को मूलभूत सुविधाएं देने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए बनी योजनाएं अगर दूरवर्ती इलाकों में क्रियान्वित हो सकीं तो पहुंच मार्गों की वजह से। बस्तर के जिन इलाकों में दुपहिया वाहनों से पहुंचना दूभर था, वहां अब चारपहिया चलने लगी है। लोक निर्माण विभाग ने पूरे राज्य में 33 हजार 227 किमी सड़कों और 995 पुलों का निर्माण कर पूरे राज्य में गांव-गांव तक विकास को पहुंचाया है।
चौदह वर्षों में अलग-अलग मदों से बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित की गई। वर्ष 2017 की स्थिति पर गौर करें तो 3222 किमी राष्ट्रीय राज्य मार्ग, 4369 किमी राज्य मार्ग, 11 हजार 338 किमी मुख्य जिला मार्ग और 14 हजार 298 किमी ग्रामीण मार्ग बनाए गए। इससे आवाजाही सरल हुई। केवल यही नहीं 1962 सड़कों को राजमार्गों के रूप में घोषित कर उसका विकास किया गया और 12हजार 432 मार्गों को जिला मार्गों से जोड़ा गया। यही नहीं 995 नए पुल बनाए गए ताकि लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।
देखा जाए तो इन 14 सालों में कई कच्ची सड़कें पक्की हो गईं। सभी विकासखंड मुख्यालय प्रथम श्रेणी की सड़कों से जुड़ गए। सभी जिला मुख्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थापित हो गए और प्रदेश के सभी ब्लाकों को सात मीटर चौड़ी सड़कों से जोड़े जाने की व्यवस्था की गई। इसके तहत 124 ब्लाक मुख्यालय जोड़े जा चुके हैं। ऐसे ही सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को 80 से 100 किमी प्रति घंटा की गति से डिजाइन किया गया है। फिलहाल सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के शहरी भागों में बायपास का निर्माण किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भारत माला योजनांतर्गत 410 किमी नए इकोनामिक कारीडोर के रूप में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्मित करने का प्लान है। इसमें रायपुर-दुर्ग मार्ग को 6 लेन बायपास निर्माण, रायपुर से विशाखापटनम मार्ग तथा बिलासपुर-सीपत-उरगा-हाटी-पत्थलगांव मार्ग को 4 लेन बनाने का प्लान शामिल है। रायपुर से दुर्ग के बीच चार व्यस्ततम चौराहे कुम्हारी, ट्रांसपोर्ट नगर, चंद्रा मौर्या टॉकीज तथा पॉवर हाउस चौक पर फ्लाईओवर प्रस्तावित है। इसी तरह एनएचडीपी योजना अंतर्गत 1283 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का भी उन्नयन किया जा रहा है।
राज्य निर्माण के समय ऐसे गिने चुने ही भवन थे जिनकी लागत एक करोड़ से अधिक थी। पिछले 14 वर्षों में 250 से 300 करोड़ रुपए की लागत वाले भवन भी बनाए गए। इसमें सभी जिला मुख्यालयों में कंपोजिट बिल्डिंग का निर्माण करना सुनिश्चित किया गया। अब तक 16 स्थानों पर बन चुके हैं। रायगढ़ और जगदलपुर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया और राजनांदगांव में भवन का काम प्रगति पर है। इसी तरह 190 कॉलेजों का निर्माण किया गया। प्रदेश में दो हजार 732 भवन स्कूलों में बनाए गए। स्वास्थ्य विभाग और आदिमजाति कल्याण विभाग के भवनों का भी निर्माण किया गया।
लोक निर्माण विभाग सड़कें, पुल और भवन तो बना ही रहा है, प्रक्रिया को पारदर्शी करने की तरफ भी प्रयास किए जा रहे हैं। निविदा प्रक्रिया को गति देने ई-प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था की गई है। पांच करोड़ से अधिक की निविदाएं इसी पद्धति से आमंत्रित की जाती हैं। दो करोड़ रुपए की निविदाएं मंडल कार्यालय और इससे अधिक की केंद्रीय निविदा प्रकोष्ठ रायपुर द्वारा आमंत्रित की जाती हैं। राजय के ग्रेजुएट इंजीनियरों, डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को राजगार उपलब्ध कराए जाने की दृष्टि से अलग पंजयन की व्यवस्था भी की गई है।