October 16, 2018

मोबाइल ने दिया मकसद, पुलिस में जाकर लोगों की मदद करना चाहती है खलेश्वरी

इनसे मिलिए, खलेश्वरी पैकरा। बलौदा बाजार के मिनी माता कन्या महाविद्यालय में बीए सेकंड ईयर की स्टूडेंट। जो पढ़ाई तो कर रही थीं और उद्देश्य भी स्पष्ट था, लेकिन संसाधन की कमी होने के कारण उन्हें मायूसी हो रही थी। अब हाथ में स्काई योजना का मोबाइल आते ही उन्हें मकसद मिल गया। खलेश्वरी खूब पढ़ाई कर पुलिस में भर्ती होना चाह रही हैं ताकि लोगों की सेवा कर सकें।

खलेश्वरी के पिता सुरेश पैकरा 2012 में चल बसे। इसके बाद मां ने ही मजदूरी कर बच्चों को पाला। तीन-चार एकड़ जमीन पर फसल उगाए। उसी से घर चलाया और बाकि की जरूरतें पूरा करने के लिए दूसरों के खेतों में मजदूरी भी की। बच्चों की पढ़ाई और बहन की शादी का खर्च भी इसी मजदूरी के पैसे से पूरा हुआ। इस आर्थिक तंगी में मोबाइल जैसे संसाधन के लिए पैसे मांगना तो बेमानी ही लगती है, लेकिन सरकार ने संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल बांटे तो जैसे स्वाति को उसका आसमान दे दिया। अब वह पूरे मन से पढ़ाई कर रही है और स्टडी मटेरियल डाउन लोड कर रही है।

ऐसा नहीं है कि पहले उनके पास मोबाइल नहीं था। था, लेकिन पैड वाला। ऐसे में केवल कॉलिंग हो पाती थी। बहन से बात करना। रिश्तेदारों को फोन लगाना। बस यहीं तक इसकी सीमाएं थीं,लेकिन स्मार्टफोन आने से तो वाट्सएफ, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल साइट से जुड़ चुके हैं। दोस्तों से तो इसी में बात हो जाती है। यू-ट्यूब पर नए-नए वीडियो देखने को मिलते हैं। इससे नए आइडियास आने लगे हैं। खलेश्वरी ने बताया कि उनकी बहन लेखा बीएससी फर्स्ट ईयर में है। उसे भी इंटरनेट का भरपूर इस्तेमाल सिखा दिया है। वह भी अपनी पढ़ाई की चीजें डाउनलोड करने लगी हैं।

एक बार पुलिस में भर्ती हुई तो लोगों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखूंगी। खलेश्वरी बताती हैं कि कॉलेज की छात्राओं को मोबाइल मिलने से वे खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी हैं। मैं खुद। ऐसा लगता है जैसे अब किसी से डरने की जरूरत ही नहीं। छत्तीसगढ़ सरकार ने अनूठी याेजना लागू की है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने हमारे बारे में सोचा। गरीबों की आमदनी इतनी नहीं होती कि वे टच स्क्रीन वाला मोबाइल खरीद सकें, लेकिन सरकार ने उनका यह शौक पूरा कर दिया।

स्काई योजना के तहत लोगों को मोबाइल की सुविधा देने के लिए सबसे पहले ऐसे परिवारों की सूची तैयार की गई और उनके लिए स्मार्टफोन भेजे गए। शहरों में वितरण के बाद अब गांवों में भी मोबाइल बांटे गए। आपको बता दें कि संचार क्रांति योजना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैशलेस ट्रांजेक्शन को भी बल मिलने वाला है। लोग भीम एप, पेटीएम आदि की जानकारी तलाश रहे हैं और कुछ लोगों ने तो ई-पेमेंट करना शुरू भी कर दिया है। फिल्म, फोटो आदि डाउनलोड करना और उसे शेयर करने में भी लोग रुचि दिखा रहे हैं। इस एक योजना के जरिए गरीब परिवार का व्यक्ति भी अपनी अभिव्यक्ति से लोगों को अवगत करा पा रहा है।

अब छत्तीसगढ़ हर गरीब परिवार के पास स्मार्ट फोन है और वे उसका भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। खलेश्वरी का कहना है कि एनसीसी उसे इसीिलए पसंद थी कि वह आगे चलकर पुलिस में भर्ती हो, लेकिन पढ़ाई का खर्च सोचकर काफी चिंता होती थी। अब इंटरनेट हाथ में है तो डर गायब हो गया है। लगता है कि स्टडी मटेरियल तो यहीं से मिल जाएगा।


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