कच्छा मकान, वह भी कवेलू वाला। बारिश में बड़ी तकलीफ होती थी। ऐसा लगता था कि कभी भी घर गिर जाएगा। शुक्र है प्रधानमंत्री आवास योजना का, जिसके चलते आज मेरा खुद का मकान है। किसी का डर नहीं। यह कहना है धमतरी के संबलपुर निवासी चंद्रहास पिता चंदूलाल महार का। वे कह रहे हैं कि योजना के बिना मकान का सपना कभी पूरा नहीं होता। आज पक्का मकान पाकर उनका परिवार बेहद खुश है।
दरअसल चंद्रहास का नाम वर्ष 2011 में हुई सामाजिक आर्थिक जनगणना में अंकित है। इसमें मिट्टी का बना हुआ कच्चा मकान दर्शाया गया है। जी हां, इसी मकान में चंद्रहास और उसका पूरा परिवार निवास करता था। बारिश में तकलीफ बढ़ जाती थी। खेती-बाड़ी और मजदूरी से जो पैसा आता वह परिवार में ही खर्च हो जाता था। थोड़ी-बहुत पूंजी इकट्ठा कर घर बनाने का सोचते भी तो अचानक कोई विपत्त आ जाती। इस तरह मकान बनाने की प्लानिंग तो बहुत हुई, लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहना सके।
फिर एक दिन प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों में चंद्रहास का नाम होना मालूम पड़ा। गांव के सरपंच ने उन्हें इसकी जानकारी दी और वह खुशी से फूला नहीं समाया। चंद्रहास का कहना है कि स्वीकृति मिलने के बाद तो आंखों से नींद ही गायब हो गई। दिन रात सिर्फ मकान ही दिखाई देता था। ऐसा लगता था कि कब काम शुरू हो और मैं अपने घर की ईंटें अपने हाथों से रख सकूं। तभी एक दिन योजना की पहली किस्त खाते में आने की जानकारी मिली। एक लाख 20 हजार में से48 हजार रुपए पहली किस्त के रूप में पहुंचे। इसके बाद काम शुरू हुआ। हम लोगों ने भी मजदूरी की।
लेंटर का काम शुरु होने ही वाला था कि दूसरी किस्त पहुंची और काम कंप्लीट हाेने के बाद अंतिम किस्त के रूप में पूरी राशि मिल गई। अपने ही मकान के निर्माण में काम करने के लिए मनरेगा से 15 हजार रुपए मिले वह अलग। इस तरह पक्का मकान बनकर तैयार हो गया। चंद्रहास कहते हैं कि वे और उनका पूरा परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आभारी हैं, जिन्होंने गरीबों के आवास की चिंता की।
बताया गया कि धमतरी जिले के मगलोड सहित विभिन्न ब्लॉकों के कई गांवों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कई आवासहीनों को उनका मकान मिल चुका है। इस योजना को सफल बनाने में वहां के सरपंच, सचिव, जनपद सदस्य, जनपद के सीईओ सहित आवास मित्रों ने बड़ी मेहनत की है। आज सभी हितग्राही बेहद खुश हैं। यही नहीं उन्हें राज्य शासन की अन्य योजनाओं के बारे में भी बताया गया और वे इसका भी भरपूर लाभ उठा रहे हैं।