September 17, 2018

डॉक्टर बनकर गरीब लोगों का इलाज करना चाह रही है परमेश्वरी खूटे, आकांक्षा लाइवलीहुड कॉलेज में कोचिंग कर रही है पिहरिद गांव की बेटी

गांव के बुजुर्गों को इलाज के लिए तड़पता देखा। गरीबी देखी। परिवार को आर्थिक तंगी से जूझता देखा। तकलीफें महसूस की। तभी ठान लिया था कि डॉक्टर बनूंगी। लेकिन कैसे बनूंगी ये नहीं जानती थी। आकांक्षा लाइवलीहुड कॉलेज ने न केवल उसे रास्ता दिखाया, बल्कि मंजिल करीब ला दी।

जी हां, जांजगीर-चांपा में आकांक्षा योजना के तहत चल रहे लाइवलीहुड कॉलेज में पिरहिद की परमेश्वरी खूंटे की तरह तकरीबन 150 बचे इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। कोटा से आए विशेषज्ञ उन्हें गाइड कर रहे हैं। परमेश्वरी के पिता महारथी खूंटे और मां बालमती खूंटे जिले से बाहर जाकर ईंट भट्‌ठों में काम कर घर चलाते हैं। घर में तीन भाई हैं। दीदी की शादी हो गई है। बड़ा भाई माता-पिता के साथ कमाने-खाने जाता है।

परिवार की आर्थिक तंगी के बावजूद परमेश्वरी ने मन लगाकर पढ़ाई की। बिना किसी अतिरिक्त सहायता के उसने 10वीं में उसने 89.66 प्रतिशत अंक हासिल किए। आकांक्षा के लिए बच्चों का चयन करने वाले अफसरों उसके हुनर को पहचाना और योजना की जानकारी दी। कोचिंग के साथ-साथ वह शहर के स्कूल में आगे की पढ़ाई भी कर सकेगी। रहने-खाने का सारा खर्च सरकार उठाएगी। इतना सुनते ही परमेश्वरी को अपनी मंजिल करीब नजर आने लगी। उसने फौरन हामी भरी और लाइवलीहुड कॉलेज में एडमिशन ले लिया। परमेश्वरी का कहना है कि डॉक्टर बनने के बाद परिवार की सेवा करुंगी। बुजुर्गों का इलाज करुंगी।

जिला पंचायत परिसर में बने इस कॉलेज में राजस्थान कोटा से आए विशेषज्ञ भी बच्चों के साथ ही रहते हैं। बच्चे जब चाहें उनसे सवाल कर सकते हैं। इनमें से भी कमजोर बच्चों को अतिरिक्त समय दिया जाता है। कुल मिलाकर सरकार ने सारी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध करा दी है। इससे बच्चों को कहीं भटकना नहीं पड़ रहा है। परमेश्वरी ने बताया कि हॉस्टल में सभी तरह की सुविधाएं हैं और विशेषज्ञों से प्रॉपर गाइडेंस मिल रहा है। उन्हें उम्मीद है कि अच्छे रैंक के साथ वे प्रतियोगी परीक्षा पास करेंगी और अपना सपना पूरा करेंगी।

गरीब परिवार के बच्चों का कॅरियर बनाने के लिए इस काेचिंग सेंटर में प्रत्येक विद्यार्थी पर एक साल में औसतन दो लाख रुपए खर्च का अनुमान है। उन्हें बेहतर परिवेश मुहैया कराना प्राथमिकता है ताकि पढ़ाई में मदद मिल सके।

जुलाई में कोचिंग शुरू करने से पहले बच्चों का चयन किया गया। दावा-आपत्ति मंगाई गई। ऑल इंडिया लेबल पर ट्यूटर की व्यवस्था की गई। इसके लिए कोटा के मोशन एजुकेशन एकेडमी से कोलेबोरेशन किया गया है। बच्चों के लिए स्टडी मटेरियल कोटा से ही आता है। टेस्ट के लिए प्रश्नपत्र कोटा से ही मंगाए जाते हैं।

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