सरपंच ने बताया कि मकान के लिए राशि स्वीकृत हो गई है तो यकीन ही नहीं हुआ। फिर आवास मित्र ने बताया कि खाते में योजना की पहली किस्त 48 हजार रुपए आ चुके हैं तो खुशी का ठिकाना न रहा। धमतरी जिले के संबलपुर निवासी परदेशी राम अपने संघर्ष के दिनों काे याद कर कहते हैं कि खुद का पक्का मकान तो सपना ही रह जाता अगर प्रधानमंत्री आवास योजना नहीं होती। आवास मित्र सिखा साहू ने योजना सुझाई और मेरा मकान बनकर तैयार हो गया।
कच्चा मकान होने से परदेशी पिता मनोहर ध्रुव और उसके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ता था। गांव में जिस जगह पर मकान था, वहां बारिश के दिनों में अक्सर पानी भर जाता। इसके चलते कभी-कभी पड़ोसियों के घर भी रात गुजारनी पड़ती थी। बच्चों को पढ़ाई के लिए संघर्ष करना पड़ता था। वे खुद अपने दोस्तों के यहां जाकर रुकते थे। इसके बाद दूसरे दिन की दिनचर्या भी गड़बड़ा जाती थी। काफी दिनों से सोच रहा था कि मकान को पक्का बनाऊं, लेकिन पूंजी उतनी थी नहीं।
फिर एक दिन आवास मित्र सिखा साहू ने प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में बताया। पहले तो यकीन नहीं हुआ कि सरकार मकान बनाने के लिए पैसा देगी! फिर सोचा कोशिश करने में क्या है? आवास मित्र की मदद से आवेदन भी कर दिया। एक दिन संबलपुर के सरपंच से मुलाकात हुई तो उन्होंने योजना के तहत राशि स्वीकृत होने की बात बताई। मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। मैं भागकर घर पहुंचा और अपनी पत्नी व बच्चों से चर्चा की। दिनभर सिर्फ इसी बात को लेकर चर्चा होती रहीं। मैंने तो अपने मित्रों को भी बताया।
कुछ दिनों बाद जब आवास मित्र सिखा ने बताया कि योजना की पहली किस्त 48 हजार रुपए खाते में जमा हो गए हैं तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। फिर विश्वास हो गया कि मेरा मकान बन जाएगा। अंतत: पंचायत और आवास मित्र के मार्गदर्शन में काम शुरु हुआ और पक्का मकान बनकर तैयार हो गया। मैं और मेरा पूरा परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आभारी हैं, जिन्होंने हम गरीबों की चिंता की। पहले भूख की चिंता की, रोजगार के लिए सोचा, फिर मकान का सपना भी साकार कर दिया।
धमतरी जिले के कई ऐसे गांव है जहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। कुछ ने अपनी जमा पूंजी लगाकर अपने घर को मनमाफिक आकार दिया तो कई लोगों ने आवास मित्र और पंचों की सुझाई प्लानिंग के तहत अपना मकान बनवाया। सिखा साहू ने बताया कि संबपुर में ऐसे कई मकान बनवाए गए हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों में भी योजना के तहत कई बेसहारा लोगों को पक्का मकान मिला है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करने के 15 दिन के भीतर ही हितग्राहियों की सूची आई और उनके खाते में पहली किस्त आते ही मकान का काम शुरु कराया गया। दूसरी किस्त उन्हें लेंटर लेवल पर मिली और अंतिम किस्त की राशि मकान पूरा होने के बाद। केवल यही नहीं मनरेगा के तहत उन्हें मजदूरी भी दिलाई गई और कई घरों में शौचालय भी बनवाए गए।