मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है मकान। और अगर यही मकान रायपुर में चाहिए तो मशक्कत करनी पड़ेगी। डॉ. रमन सिंह की सरकार ने आवश्यकताएं समझी और रायपुर में देश की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक कमल विहार विकास पर ध्यान केंद्रित किया। यह 1600 एकड़ में विकसित प्रदेश की पहली नगर विकास योजना है, जिसकी कुल लागत एक हजार 85करोड़ रुपए है। कमल विहार की लैंड पुलिंग नीति को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने भी अपनाया है।
कमल विहार में कुल सात हजार 787 प्लाट है और भू-स्वामियों की संख्या चार हजार 969 है। वर्ष 2022 तक देश में सभी को आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यहां भी पांच लाख की लागत वाली 768 टू बीएचके ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स तथा आठ लाख रुपए के एलआईजी-1 के 768 फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह साढ़े 10लाख की लागत वाले फ्लैट्स की बुकिंग भी चालू है। इसी तरह इंद्रप्रस्थ रायपुरा में एक हजार 474 ईडब्ल्यूएस और 944 एलआईजी सहित कुल दो हजार 416 फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है।
सरकार ने आवास के साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखा है। कमल विहार सेक्टर-12 में वनौषधि उद्यान की स्थापना का प्लान है, जिसमें 36 प्रजाति के पांच हजार पौधे रोपे जाएंगे। कमल विहार योजना की इसी खासियत के चलते 2012-13 में राष्ट्रीय स्तर पर हुडको डिजाइन अवार्ड और 2015-16 में स्कॉच स्मार्ट गवर्नेस आर्डर ऑफ मेरिट अवार्ड मिल चुका है। इसी तरह राज्य स्तर पर जी एंटरटेंनमेंट लिमिटेड की तरफ से बेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए बंसल न्यूज चैनल ने सम्मानित किया है।
शहर को सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए रायपुर विकास प्राधिकरण गठित है। छत्तीसगढ़ शासन ने 2001 को रायपुर विकास प्राधिकरण का नगर पालिका निगम में संविलियन किया। इसके बाद 28 अक्टूबर 2014 को इसका पुर्नगठन किया गया। आरडीए के द्वारा ही छत्तीसगढ़ में सिटी सेंटर कम मॉल बनाने की सबसे पहली अवधारणा को देवेंद्र नगर में मूर्त रूप दिया गया। न्यू राजेंद्र नगर में भक्त माता कर्मा व्यवसायिक परिसर बनाया गया। कटोरा तालाब सेक्टर 6-7 में गोविंद सांरग व्यवसायिक परिसर भी बना। इसी तरह देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट नगरों में से एक डॉ. खूबचंद बघेल ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना रावांभाठा में की गई। कुशाभाऊ ठाकरे आवास योजना, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आवास योजना के तहत तीन हजार 988 फ्लैट्स का निर्माण भी किया गया है।
आप नए रायपुर पर नजर डालें तो पता चलेगा कि सड़क, पानी, बिजली के अलावा विभिन्न निर्माण कार्यों को बड़े ही व्यवस्थित तरीके से कराया गया है। इसमें जल निकास के लिए चार से पांच कार्य प्रगति पर हैं। यातायात के लिए सौ किमी सायकल ट्रैक और पैदल पथ का काम पूरा हो चुका है। वहीं 30 वातानुकूलित बसों के साथ रैपिड ट्रांजिट सेवा का काम चल रहा है। इसी तरह रिक्रिएशन के तहत जंगल सफारी, सेंट्रल पार्क, क्रिकेट स्टेडियम, गोल्फ कोर्स, झांझ जलाशय, बॉटनिकल गार्डन, पुरखौती मुक्तांगन, सेंध जलाशय आदि का निर्माण कराया गया है।
नए रायपुर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। अधोसंरचना में सौ करोड़ रुपए निवेश के साथ 120 एकड़ जमीन आईटी पार्क के लिए निर्धारित की जा चुकी है। वहीं 120 एकड़ जमीन इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम को आवंटित की जा चुकी है। बताया गया कि इस योजना से 4000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होंगे। सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में कार्यालयों, दुकानों, होटलों, बैंक्वेट हॉल और कैफे, फार्मल एवं इन फार्मल रिटेल, संस्थागत, आवासीय और सामाजिक सुविधाओं के अनुकूल वातावरण 230 एकड़ के विशाल क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है।