September 17, 2018

12वीं की पढ़ाई के साथ फ्री कोचिंग से जागी दीपांजली की उम्मीद

अखबार में जब जेईई और एनईईटी की फ्री कोचिंग के बारे में पढ़ा तो दीपांजली खुशी से उछल पड़ी। मानो उम्मीद का जुगनू नजर आ गया हो। घर वालों से परमिशन लिया। जून में एंट्रेंस एग्जाम दिया। सिलेक्शन होते ही पढ़ाई में जुट गई। फिलहाल वह 12वीं की छात्रा है और कोचिंग में जेईई की तैयारी कर रही है। कवर्धा में शुरू हुई फ्री कोचिंग की वजह से दीपांजली जैसे सौ छात्रों को फायदा हो रहा है। इनमें से कई छात्राएं ऐसी भी हैं, जिन्हें पढ़ाई के लिए बाहर जाने की परमिशन नहीं मिली।

हालांकि दीपांजली गुप्ता के साथ ऐसा नहीं है। दीपांजली के पिता स्कूल में शिक्षक हैं और मां हाउस वाइफ हैं। बड़ी बहन बीएससी सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही है और छोटा भाई कक्षा 9वीं का छात्र है। शिक्षक का परिवार है तो शिक्षा के लिए समर्पित होना लाजमी है। दीपांजली का पिछला रिकार्ड काफी अच्छा है। वह हमेशा अच्छे अंकों के साथ परीक्षाएं पास की। वह किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई करना चाह रही है। उसके माता-पिता भी यही चाहते हैं। पता चला कि जेईई और एनईईटी के लिए कवर्धा में फ्री कोचिंग खोली जा रही है। जून में इसके लिए प्रवेश परीक्षा होगी। अखबार में खबर पढ़ने के बाद परिवार की परमिशन से उसने फार्म भरा और सिलेक्ट भी हुई।

अब वह स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रही है और कोचिंग में जेईई की तैयारी भी। दीपांजली का कहना है कि कोचिंग की पढ़ाई से 12वीं में भी मदद मिल रही है। कोचिंग में ऐसे सौ छात्र-छात्राएं हैं। किसी ने अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले को लक्ष्य बनाया है तो कोई मेडिकल की पढ़ाई कर गांव में क्लीनिक खोलकर लोगों की सेवा करना चाह रहे हैं। कचहरी पारा के हाई स्कूल में इस आवासीय कोचिंग का संचालन किया जा रहा है, जहां 40 छात्र जेईई की तैयारी कर रहे हैं और 60 एनईईटी के लिए मेहनत कर रहे हैं। कोचिंग में मौजूद एक्सपर्ट उनके सवालों को तो साल्व कर ही रहे हैं, समय-समय पर उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं।

सरकार की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है। इसमें हर वर्ग के छात्रों का ख्याल रखा गया है। जेईई के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के पांच, अनुसूचित जनजाति के आठ, अन्य पिछड़ा वर्ग के छह और अनारक्षित वर्ग के लिए 21 सीटें हैं। इससे सभी वर्ग के छात्रों को मौका मिल रहा है। एेसे ही एनईईटी में भी अनुसूचित जाति के आठ, अनुसूचित जनजाति के 13, अन्य पिछड़ा वर्ग के आठ और अनारक्षित के लिए 31 सीटें निर्धारित की गई हैं। सभी छात्र-छात्राएं हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उनके खान-पान, रहन-सहन का भी ध्यान रखा जा रहा है।

होनहार छात्रों के लिए सरकार विभिन्न जिलों में अलग-अलग योजनाएं चला रही है। जांजगीर-चांपा में राजस्थान कोटा से आए एक्सपर्ट विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। ठीक इसी तरह कवर्धा में फ्री कोचिंग के जरिए मेरिटोरियस स्टूडेंट्स को गाइड किया जा रहा है। निश्चित तौर पर इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है और वे अपने आगे की पढ़ाई के लिए पूरी तरह आश्वस्त हैं। दीपांजली खुद कह रही है कि फ्री कोचिंग के चलते विषयों को समझने की क्षमता बढ़ रही है और वह बेहतर रैंक के साथ अच्छे कॉलेज में दाखिला लेगी।


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